मनीराम
मनीराम
जेकर मेर हावे
मनीराम
ओकर हावे
एकेच ठी काम
बिसाव! बिसाव!! बिसाव!!!
सराब बिसाव! टूरी बिसाव!!
पिस्तोल बिसाव! छुरी बिसाव!!
मकान बिसाव! दुकान बिसाव!!
जमीन बिसाव! इमान बिसाव!!
जेन बेचरउहा नइये
ओला फँसाव
फेर खचित बिसाव
आज सबले सस्ता हावे
मनखे
नोट दे के वोट बिसालव
पंचइत, वार्ड कोन कहय
लोक सभा सीट घलव
हथिया लव
मनीराम म अतके ताकत हे
के ओकर आगू
निआव, धरम, दंड, बिधान सब
मुसुवा कस झांकत हें.
रसिक बिहारी अवधिया
कवि, शिल्पकार
माटी मंथन
अवधिया पारा, रायपुर
जेकर मेर हावे
मनीराम
ओकर हावे
एकेच ठी काम
बिसाव! बिसाव!! बिसाव!!!
सराब बिसाव! टूरी बिसाव!!
पिस्तोल बिसाव! छुरी बिसाव!!
मकान बिसाव! दुकान बिसाव!!
जमीन बिसाव! इमान बिसाव!!
जेन बेचरउहा नइये
ओला फँसाव
फेर खचित बिसाव
आज सबले सस्ता हावे
मनखे
नोट दे के वोट बिसालव
पंचइत, वार्ड कोन कहय
लोक सभा सीट घलव
हथिया लव
मनीराम म अतके ताकत हे
के ओकर आगू
निआव, धरम, दंड, बिधान सब
मुसुवा कस झांकत हें.
रसिक बिहारी अवधिया
कवि, शिल्पकार
माटी मंथन
अवधिया पारा, रायपुर
3 Comments:
छत्तीसगढ ब्लागर्स चौपाल में आपका स्वागत है.
बिलकुल सच्ची गोठ हवे रसिक बिहारी जी जेकर तीर मनीराम टेकर तीर सब्बे कुछ हावे|
मोला आपके कविता बहुत सुघ्घर लागिस औ एकक थिन लिखौ
बिसात बिसात ओकरो किम्मत लग जाथे, अपनो बेंचा जाथे माने जे ह ओतका पान बिसाथे ते हू ल कहूं न कहूं बिसा लेथें.
Post a Comment
<< Home