Thursday, July 27, 2006

मनीराम

मनीराम
जेकर मेर हावे
मनीराम
ओकर हावे
एकेच ठी काम
बिसाव! बिसाव!! बिसाव!!!
सराब बिसाव! टूरी बिसाव!!
पिस्तोल बिसाव! छुरी बिसाव!!
मकान बिसाव! दुकान बिसाव!!
जमीन बिसाव! इमान बिसाव!!
जेन बेचरउहा नइये
ओला फँसाव
फेर खचित बिसाव
आज सबले सस्ता हावे
मनखे
नोट दे के वोट बिसालव
पंचइत, वार्ड कोन कहय
लोक सभा सीट घलव
हथिया लव
मनीराम म अतके ताकत हे
के ओकर आगू
निआव, धरम, दंड, बिधान सब
मुसुवा कस झांकत हें.

रसिक बिहारी अवधिया
कवि, शिल्पकार
माटी मंथन
अवधिया पारा, रायपुर